Little Known Facts About Aise Kyun Lyrics.
मुख से तू अविरत कहता जा मधु, मदिरा, मादक हाला,जीवन के संताप शोक सब इसको पीकर मिट जाते
प्राण प्रिये यदि श्राध करो तुम मेरा तो ऐसे करना
देखो प्याला अब छूते ही होंठ जला देनेवाला,
ध्यान किए जा मन में सुमधुर सुखकर, सुंदर साकी का,
अंगूरी अवगुंठन डाले स्वर्ण वर्ण साकीबाला,
साकी की अंदाज़ भरी झिड़की में क्या अपमान धरा,
'दूर अभी है', पर, कहता get more info है हर पथ बतलानेवाला,
अभी युगों तक सिखलाएगी ध्यान लगाना मधुशाला!।४९।
इन्द्रधनुष here से होड़ लगाती आज रंगीली मधुशाला।।१२।
चंचल नदियाँ साकी बनकर, भरकर लहरों more info का प्याला,
बड़े बड़े पिरवार मिटें यों, एक न हो रोनेवाला,
आज सजीव बना लो, प्रेयसी, अपने अधरों का प्याला,
जग चिंताओं से रहने को मुक्त, उठा लेता प्याला,